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Showing posts from May, 2020

विटामिन B12 की कमी के लक्षण | Vitamin B12 Deficiency Symptoms

विटामिन B12 की कमी के लक्षण || Vitamin B12 ki kami ke karan aur lakshan || Vitamin B12 Deficiency Symptoms in hindi  लोगों को विटामिन बी12 की कमी होना आम बात है, क्या आपको पता है कि विटामिन बी12 की कमी से क्या होता है? agar किसी व्यक्ति को विटामिन बी12 की कमी हो गई तो कौन-सी बीमारी हो सकती है? आपके लिए यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब भी ये लक्षण आपको दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क किया जा सके। आइए इसके बारे में sabse pehle jante hai vitamin B12 humare liye kyun zaroori hai.... विटामिन बी12 एक essential vitamin है जिसे शरीर खुद नहीं बना सकता।हमारा शरीर नियमित रूप से विटामिन बी12 प्राप्त करने के लिए आहार पर निर्भर है। Vitamin b12 लीवर में जमा रहता है ताकि यदि कभी इसकी थोड़ी-बहुत कमी हो तो इसकी पूर्ति हो सके। जब vitamin b12 की मात्रा बेहद कम हो जाती है तभी ज्यादा गंभीर लक्षण उभरने शुरू होते हैं और ऐसा होने में संभव है mahine ya बरसों लग जाएँ।aur doston, विटामिन बी12 आपके शरीर के लिए कई तरह के काम करता है। यह आपका DNA और लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) बनाने में मदद करता है।

उबासी (जम्हाई) रोकने के असरदार उपाय || Why do we yawn and how to stop ya...

उबासी का बार बार आना हो सकते है इन बीमारियों के लक्षण || उबासी (जम्हाई) रोकने के असरदार उपाय || Why do we yawn and how to stop yawning? यूं तो उबासी एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है (physical process) और हमारे दैनिक जीवन का हिस्‍सा है। हम दिन में कम से कम एक बार उबासी जरूर लेते हैं। उबासी से शरीर में oxygen की कमी की भरपाई होती है. दरअसल, जब lungs को pump करने के लिए पर्याप्त मात्रा में oxygen नहीं मिलती तो वह मुंह से उबासी के जरिए oxygen की भरपाई करता है. aur is tarha se दिमाग अपने walls को ठंडा रखने के लिए उबासी लेता है.aur doston, रिसर्च के अनुसार, उबासी na sirf, नींद आने या बोरियत का संकेत नहीं है बल्कि यह humare दिमाग के तापमान को नियंत्रण में रखती है।ji haan हमारे शरीर की बनावट और कार्यविधि कुछ इस तरह से है कि humare नहीं चाहते हुए भी उबासी आने पर एकाएक मुंह खुल जाता है। इससे दिमाग को ठंडक तो मिलती ही है, साथ में चेहरे की मांसपेशियों में भी खिंचाव होता है। लेकिन यदि आपको बार-बार उबासी आने की समस्या से परेशान हैं,toh iske ke aur bhi kai health related problems bhi iska karan hai, त

सुबह खाली पेट हल्दी की चाय पीने के हैरान कर देने वाले फायदे | Health Ben...

सुबह खाली पेट हल्दी की चाय पीने के हैरान करदेने वाले फायदे | हल्दी की चाय बनाने का सही तरीका | Amazing Health Benefits Of Turmeric Tea हल्दी आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला masala है, aur yeh हल्दी herbal upchaar hai jis में करक्यूमिन नामक anti-oxidant होता है जो कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है। ji haan itna hi nahi हल्दी (Turmeric) औषधिय गुणों की खान है। इसे खाने में रंग और एक मजबूत स्वाद (Taste) बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. aur apko haldi, do varieties mein milti hai ek toh powder और dusra kacchi haldi.aap in dono mein se koi bhi use kar sakte hai, khane mein हल्दी का सेवन करने ke alawa ,एक और healthy तरीका है हल्दी की चाय बनाकर पीना. jo ki weight ko कम करने से लेकर immunity power बढ़ाने और बीमारियों को दूर रखने के लिए aapko bhi हल्दी की चाय (Tea) जरूर पीना चाहिए।।aur yeh बस दो मिनट में banke ready bhi ho jati hai...aaj ke is video mein hum apko हल्दी की चाय के कुछ लाभ batayenge जिन्हें jankar aap bhi aaj se hi is haldi ki chai banakar pina shuru kar denge. lekin

नस चढ़ने का इलाज || How to treat nerve pain and muscle cramps

बार-बार पैर और टांगों में नस पर नस चढ़ने के कारण, लक्षण और उपाय || नस चढ़ने का इलाज || How to treat nerve pain and muscle cramps Doston aaiye jante hai , नस चढ़ना क्या है, इसके कारण, लक्षण और उपाय? नस चढ़ना (Vein climbing) को नस पर नस चढ़ना भी कहा जाता है। इसमें शरीर की कुछ मांसपेशियां (Muscles) तेजी से और गंभीर रूप से सिकुड़ (Shrink) जाती है। नस चढ़ने से मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता हैं, जिसके कारण असहनीय दर्द (Unbearable pain) होता है। कई बार इसके कारण सूजन (Swelling or) भी आ जाती है। हालांकि यह दर्द व सूजन थोड़े समय के लिए ही रहता है। लेकिन कुछ मामलों में यह एक दर्दनाक (Painful) स्थिति भी बन जाती है। नस चढ़ने की समस्या बहुत ही common है, जो आमतौर पर जांघ (Hips), हाथ, पैर, गर्दन, पिंडली और पेट में होती है। aur doston, मांसपेशियों के तंतुओं (fiber) में किसी प्रकार की खराबी होना नस चढ़ने का मुख्य कारण होता है। यदि मांसपेशी का सामान्य से अधिक उपयोग हो रहा है, मांसपेशी में पहले कभी चोट (Injury) लगी है या ऐंठन आदि आ गई है तो इससे bhi नस पर नस चढ़ने की स्थिति पैदा हो सकती है। iske alawa

रोजाना खाली पेट खालो एक कीवी फल जड़ से ख़त्म हो जायेंगे यह रोग | Amazing h...

रोजाना खाली पेट खालो एक कीवी फल जड़ से ख़त्म हो जायेंगे यह रोग | Amazing health benefits of Kiwi कीवी के फायदे || Amazing health benefits of kiwi - कीवी (Kiwi fruit) एक हल्के भूरे रंग का चीकू सा दिखने वाला बाहर से भूरा (Brown) रोएँदार और भीतर से चिकना aur मुलायम, हरे रंग का गूदा होता है, aur is kiwi फल का स्वाद मीठा और खट्टा होता है। इसके भीतर काले रंग के छोटे-छोटे बीज भी मौजूद होते हैं.कीवी फ्रूट देखने में भले कम आकर्षित लगे लेकिन yeh हमारी अच्छी सेहत के लिए काफी फायदेमंद bhi है, aur jab iska chilka utarte hai toh yeh bohat hi khubsurat colour ka dikhata hai । aur yeh कीवी सही मायने में पोषक तत्वों (Nutrients) का एक भरपूर खज़ाना है। aapko batadein कि 100 ग्राम कीवी में 61 कैलोरी, 14.66 gram कार्बोहाइड्रेट्स, 1 gram प्रोटीन, 3 gram फाइबर, 25 microgram फोलिक एसिड अन्य तत्व मौजूद होते हैं। iske sath hi kiwi mein विटामिन सी और विटामिन ई, केरोटिनोइड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और कई प्रकार के मिनरल्स bhi पाए जाते हैं, waise कीवी dikhne mein bohat samanya sa fruit dikhta hai, लेकिन

वजन घटाने के लिए और वजन बढ़ने के लिए हमें एक दिन में कितनी रोटी खानी चाहि...

वजन घटाने के लिए और वजन बढ़ाने के लिए हमें एक दिन में कितनी रोटी खानी चाहिए ? How Many Rotis Per Day For Weight loss/ Weight gain Friends, rotiya khana toh lagh-bagh sabhi ko pasand hota hai ho, ho bhi kyun na yeh khane mein swasdisht, garam, naram, mulayam jo hoti hai, aur india mein toh 90% se zyada log rozana roti toh kahate hi khate hai, aur रोटी बनाने के लिए आमतौर पर गेहूँ का आटा प्रयोग किया जाता है पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय अनाज जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा आदि भी रोटी बनाने के लिए प्रयुक्त होता है।aur भारत में अधिकतर लोगों का स्रोत सुबह उठते हैं तो रोटी दोपहर उठते हैं तो रोटी होते हैं। तो रोटी हमारे diet में घुल चुकी है हम रोटी (Chapathi) को अलग नहीं कर सकते हैं। तो इस परिस्थिति में zyadatar logon ka sawal jota hai woh yeh hai ki जो वजन घटाना चाह रहे हैं उनको और जो वजन बढ़ाना (Weight gain) चाह रहे हैं उनको aur samanya insaan ko कितनी रोटियां खानी चाहिए। लेकिन शायद ही आपको इस बारे में जानकारी होगी, agar nahi तो aapko यह video puri end tak dekhna बेहद ज़रूरी है। ji haan