बार-बार पैर और टांगों में नस पर नस चढ़ने के कारण, लक्षण और उपाय || नस चढ़ने का इलाज || How to treat nerve pain and muscle cramps
Doston aaiye jante hai , नस चढ़ना क्या है, इसके कारण, लक्षण और उपाय? नस चढ़ना (Vein climbing) को नस पर नस चढ़ना भी कहा जाता है। इसमें शरीर की कुछ मांसपेशियां (Muscles) तेजी से और गंभीर रूप से सिकुड़ (Shrink) जाती है। नस चढ़ने से मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता हैं, जिसके कारण असहनीय दर्द (Unbearable pain) होता है। कई बार इसके कारण सूजन (Swelling or) भी आ जाती है। हालांकि यह दर्द व सूजन थोड़े समय के लिए ही रहता है। लेकिन कुछ मामलों में यह एक दर्दनाक (Painful) स्थिति भी बन जाती है। नस चढ़ने की समस्या बहुत ही common है, जो आमतौर पर जांघ (Hips), हाथ, पैर, गर्दन, पिंडली और पेट में होती है। aur doston, मांसपेशियों के तंतुओं (fiber) में किसी प्रकार की खराबी होना नस चढ़ने का मुख्य कारण होता है। यदि मांसपेशी का सामान्य से अधिक उपयोग हो रहा है, मांसपेशी में पहले कभी चोट (Injury) लगी है या ऐंठन आदि आ गई है तो इससे bhi नस पर नस चढ़ने की स्थिति पैदा हो सकती है। iske alawa bhi doston, गलत तरीके से उठने या बैठने पर अक्सर हाथ-पैरों की नस चढ़ जाती है। जिसकी वजह से व्यक्ति को बहुत दर्द (Pain) महसूस होने लगता है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को किसी न किसी कारण से और कभी भी हो सकती है। नस पर नस चढ़ने पर पैरों में ऐठन (Cramps) भी हो जाती है। टांगों और पिंडलियों में हल्का–हल्का दर्द (Pain) भी होता है। इसके आलावा पैरों में दर्द के साथ, जलन (Irritation), झनझनाहट और सूई चुभने जैसा एहसास होता है। Aise mein doston, तुरंत नस चढ़ जाने पर अक्सर लोगों को समझ नहीं आता कि क्या करें। ऐसे में आज हम आपको कुछ आसान tips देंगे, जिससे आप अपनी इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
शरीर में potassium की मात्रा घटने से नस पर नस चढ़ती है। केला इसका कारगर इलाज है। ji haan केले का सेवन भी इस दर्द (Pain) से राहत पहुंचाता है। aisa isliye kyunki, केले में भरपूर मात्रा में पोटाशियम मौजूद होने की वजह से यब दर्द में आराम दिलाता है , aur nas par chadi hui नस उतर जाती है।इसके अलावा शकरकंद, संतरे का ज्यूस (Orange juice), चुकंदर, आलू, खजूर, दही, टमाटर का नियमित सेवन नस पर नस चढ़ने की problem से निजात दिलाता है।
नस पर नस चढ़ने पर aapke भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी (Coconut water) , aur सब्जिओं में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें. 2-3 अखरोट (Walnuts) की गिरि, 2-5 पिस्ता, 5-10 बादाम की गिरि, 5-10 किशमिश (Raisins) का रोज़ रोज़ सेवन करें, तथा इसके अलावा हमें देशी खाने का उपयोग करना चाहिए. इसलिए आपको अपने भोजन को सही ढंग से लेना चाहिए isse apko yeh nas par chadne wali problem nahi hogi.
Nas par nas chadne ki samasya ho toh, रात को सोते समय सरसों के तेल (Mustard oil) की मालिश करें। इससे गर्मी आएगी और कई फायदे होंगे। मांसपेशियां भी मजबूत होंगी। iske alwa doston, नारियल तेल से मालिश की जा सकती है। गर्दन, हाथ और पैरों की मसाज करें। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह (Blood circulation) बढ़ता है और मांसपेशियों (Muscles) को बल मिलता है।
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